
आज 19 फरवरी 2022, यानि श्री छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती है और उनके जयंती निमित्त हम देखेंगे सिद्धांत जो हमें छत्रपति शिवाजी महाराज से सिखने चाहिए.
सिद्धांत 1 – ज्ञान ही सब कुछ है (Knowledge is everything)
जब छत्रपति शिवाजी महाराज छोटे थे, तब उनके पिता यानि छत्रपति शहाजीराजे भोसले बिजापूर सल्तनत के जहागिरदार थे. उनकी माँ जिजाऊं ने, माँ का संस्कार और पिता का ज्ञान, दोनों उनको दिया. बचपन से ही उनको रामायण और महाभारत की कहानिया सुनाई. और उसी से छोटे शिवाजी महाराज ने एक बात सीखी जो हें Team Building (टीम बिल्डिंग). भगवान राम खुद काबिल थे, लेकिन किसी भी परिस्थिती में अकेले नही थें. रामायण और महाभारत में एक राजा और लिडर को सिखने जैसा बहोत है. और ये सारा ज्ञान उनको बहोतही कम आयु में मिला. स्वराज एक सपना था, पर ये तभी पुरा होता, जब ये सपना दुसरों को भी सोने ना दें. सिर्फ 30 सालों में 300 किल्लों पर कब्जा करना कोई आम बात नहीं. उनकी फौज के साथ दोस्ती रखने के लिए वह एक ही थाली में खाना खाया करते थे ताकि उनको लगे कि यह बस राजा नहीं उनके राजा है, इसमें दिखती है उनकी True Leadership ( ट्रू लीडरशिप ).
सिद्धांत 2 – अपना कम्फर्ट जोन छोड़ना सीखें (Learn to leave your comfort zone) –
छत्रपती शिवाजी महाराज, “Father of Indian Navy” केहलाए जाते है. लेकिन 13 की दशक में भारत की नौसेना बहुत कमजोर हो रही थी जिससे हम व्यापार के लिए अरब देशों पर निर्भर हो रहे थे. और नेवी से ध्यान हटने की वजह से पोर्तुगीज और ब्रिटिशर्स से हमें खतरा था. छत्रपती जानते थे की खतरा सिर्फ सल्तनत से ही नहीं, पर यह यूरोपियन कॉलोनाइजर्स से भी है, इसलिए उन्होंने फिर से भारत की नौसेना खड़ी करी. इतिहासकार मानते हैं कि भारत की नौसेना में 20 बड़ी युध्यनौका हुआ करती थी जिनकी मदद से छत्रपति शिवाजी महाराज ने ब्रिटिशर्स को कोकण से भगाया था. वह एक visionary थे जो ब्रिटिशर्स की इरादों को जानते थे. एक छोटी आर्मी के साथ भी बड़ी लड़ाइयां जीतना उनको आता था .
सिद्धांत 3 – एकता की शक्ति, उद्देश्य की शक्ति (The Power of Unity,The Power of Purpose)
ब्रिटिशर्स के डिवाइड एंड रूल (Divide and Rule) सिद्धांत को दुनिया जानती है पर छत्रपति शिवाजी महाराज का सिद्धांत अलग था.
औरंगजेब ने खूद कहा था कि मैने पुरे उन्नीस साल शिवाजी को रोकने के लिए पूरी तागद लगाई पर फिर भी उनका साम्राज्य बढता ही रहा. पोर्तुगीज छत्रपती शिवाजी महाराज को ‘Attila of Hindustan‘ केहते थे. पर क्यूं? जब एक सेना एक ही उद्देश के लिए लडती है, तब वो अपने से भी ताकदवर दुश्मन को अपने घुटनोंपे ला सकती है. उन्होंने कहा की हम हमारी धरती पे डर डर के क्यू रहे? दुसरो की गुलामी क्यू करे? और इसका जवाब था, एक योजना जो थी स्वराज. इस योजना ने ब्रिटिशर्स के खिलाफ लढणे वाले स्वातंत्र्य सेनानी जैसे लोकमान्य टिळक से नेताजी सुभाषचंद्र बोस तक प्रेरित किया. यह अपने जीवन पर भी लागू होता है. अपने जीवन का उद्देश खोजिए और यह उद्देश अगर लोगो को प्रेरित करता है तो लोग अपने आप जोडते जायेंगे. यह एक सिख हम छत्रपति शिवाजी महाराज के सिद्धांतों से सीख सकते हैं.
सारांश –
- ज्ञान ही सब कुछ है
- अपना कम्फर्ट जोन छोड़ना सीखें
- एकता की शक्ति, उद्देश्य की शक्ति
Read it in English – 3 Principles We Should Learn From Chhatrapati Shivaji Maharaj